नव वर्ष तुम्हारा भव्य स्वागत है। यह वर्ष बहुत सी आशाओं, उमंगों दुआओं और प्रार्थनाओं के साथ शुरू हुआ है। संसार रफ़्तार पकड़ने लगा है। भयभीत चेहरे मुस्काने लगें हैं। पंछी खुले आकाश में चहक रहे हैं, फूल अपनी रंग -बिरंगी छटा लिए महकने लगें हैं। पहाड़ियों पर गिरती रुई के फाहों सी बर्फ से जहां में धवल रुमानियत बिखेरने लगी है। गुलाबी ठण्ड से कायनात चहकने लगी है।
इस वर्ष सब तरफ मंगल हो, सभी पर समृद्धि और सुकून जी भर के बरसे...दुआ !! आमीन !!