1928 में वे हिमालय के अनुपम सौंदर्य से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपने जीवन के लगभग बीस वर्ष हिमाचल की कुल्लू घाटी में व्यतीत किए।
निकोलाय रोरिक (9 अक्टूबर, 1874 - 13 दिसम्बर, 1947) रूसी चित्रकार, लेखक, पुरातत्त्वविद एवं दार्शनिक थे। बेहद लंबे समय तक वे सपत्नीक भारत में रहे।
कुल्लू में व्यास नदी के किनारे प्राचीन राजधानी नग्गर के किले के ऊपर बनाया गया है उनका संग्रहालय ’’रोरिक आर्ट गैलरी‘‘।
इन्होंने रूस, यूरोप, मध्य एशिया, मंगोलिया, तिब्बत, चीन, जापान और भारत आदि कई देशों की यात्राएं कीं।
संग्रहालय के ऊपर उनका निवास स्थान था जो आज भी संरक्षित है।
रोरिक की पत्नी एलीना (हेलेना) लेवानोवना भी लेखक थीं।