इस
दुनिया में
जितने तरह के नाम है
उतने ही तरह के निराले इंसान
जैसे
इस धरा में
पुष्पित हुए हैं पुष्प
नाना प्रजाति नाना प्रकार के
उनके
रंग अलग हैं
सुवास भी अलग सी
आकार अलग प्रकार अलग
गोया
एक आंगन में
एक ही तरह के संस्कार
एक सा व्यवहार मिलने पर भी
कुछ
बन जातें हैं
अच्छे विचारों के संवाहक
कोई संसार की हर बात से ख़फ़ा
कोई
हो जाता है
मीठा मधु फूलों सा प्यारा
कोई नीम कड़वा गुलाब का कांटा
चंद
दुनिया से दुखी
हर बात हालात से नाराज़
कुछ रहतें हैं हर हाल आनंदित
हमें
खूब रास आती है
कड़वाहट नीम करेले की
नागफनी से तो बेइंतहा मोहोब्बत है ही