बड़ी शिद्दत से
लिखने बैठी हूँ
एक प्रेम कथा
कुछ शब्द उधार के लिए
कुछ लम्हे प्यार के माँगे
उमड़ते जज़्बातों के
हर लफ्ज़ संजो लेती हूँ
यादों के घरोंदे में
कुछ वक्त बिता देती हूँ
तुम जब नहीं थे
कुछ भी नहीं था
वीरां थी दुनिया
सब अजनबी थे
तुम्हारी खुश्बू के इत्र से
मेरी दुनिया महकती है
मेरी शामें आबाद हैं
मेरी हँसी चहकती है
तुम से जग आबाद है
तुम से रब मेहरबां
तुम से ही संगीत है
तुम से ही ये जहां