Saturday, May 24, 2014

ज़िंदगी धूप तुम घना साया


बुनने बैठो कभी 
जीवन के तानो -बानो को
सलाइयों में चढ़ाओ शब्दों के फंदे 
और बुनो नया बेजोड़ नमूना 
सुख के चार फंदे सीधे  
और दुःख का एक फंदा उलटा 
जरूरी नहीं हर उलटा गलत हीं हो 
सीधे फंदों पर बनता है 
सपाट साफ़ नमूना 
और उलटे फंदे पर  
एक गहरी लकीर 
दुःख,गहराई तक जाने का  
और जीवन को समझने का 
हुनर सिखलाता है 
सुख -दुःख के सीधे- उल्टे फंदो से 
कई नमूने बनते रहते हैं 
कभी देखो पलट कर 
उन बने हुए हिस्सों को 
और समझ लो 
कितना और कैसा जिया हमने 
गुज़रते वक्त के साथ 
सुख -दुःख बुनने की 
एक आदत हो जाती है 
ज़िंदगी से कोई शिकायत नहीं 
बल्कि जीवन को सलीके से 
बुनने का हुनर देने के लिए 
या रब तेरा शुक्रिया