अपने आप को निहारो
थोड़ी देर तक दर्पण में
आश्चर्य होता है
कौन हैं हम
क्या हैं
ऐसे कैसे हैं
कैसे सब के पास होता है
अलग रंग -रूप
अलग दिल-दिमाग
अलग सोच विचार इच्छाएं
फिर भी कैसे मिल जातें हैं
अपनी ही तरह की सोच वाले
कुछ अजनबी
और बन जाते हैं
हमख्याल,हमराही,
और हमसफ़र