No Resolution / Accept Life as it comes
हर वर्ष की तरह दुनिया दिखाते दुनियादारी सिखाते फिर से तारीखें बदल गई कैलेंडर बदल गए। सभी ने जोश और उत्त्साह के साथ नए-नए संकल्पों की सूची भी तैयार कर ली होगी। क्या अच्छा करना है? क्या बुरा त्यागना है? क्या हासिल करना है? कौन सी मंजिल पानी है? किस मुकाम पर पहुंचना है आदि।
मैं ऐसा नहीं कर पाती। मैंने जब भी कुछ संकल्प लिए तब या तो वो कुछ दिन तक ही चले या फिर कुछ महीने तक। धीरे-धीरे हर दिन अपना आकार खुद ही गढ़ लेता था। अक्सर जैसा सोचती हूँ वैसा होता नहीं और जो कभी सोचा नहीं वो आगे से आकर अपनी मनमानी करता सा खड़ा हो जाता है।
वैसे उपरवाला अक्सर मुझपर मेहरबान ही रहता है। बहुत उतार- चढ़ाव के बगैर मेरे जीवन को सहज, सरल और सुन्दर बनाए रखता है। महत्वपूर्ण, अर्थपूर्ण कई कार्य, बहुत ढेर सारी मेहनत, दौड़ना-भागना, हँसना-बोलना, आना-जाना, मिलना-मिलाना...न जाने क्या क्या करवाता रहता है। अच्छे -बुरे, उजले -मटमैले, सुर्ख -बदरंग..सभी रंगों से रंगता मेरे जीवन के कैनवास को सतरंगी बनाए रखता है।
आप सभी को नए वर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ ! नया वर्ष आप सभी के संकल्पों को साकार करता हुआ मंगलमय हो!