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शायद तुमको याद होगा
ऐसी ही बरसात के बाद
एक प्रेमगीत
मेरे जीवन सुर पर
लहराया था
बहा था
झर झर निर्झर
इन नयनों से
बिना रुके
तुम्हारे समक्ष
एक बरसात के बाद
इन आँखों मैं
ना दामिनी थी
न थी गर्जना
थी तो केवल वेदना
व्याकुल ह्रदय की चेतना
आतुर थी जो
बह जाने को
कुछ अधरों से
कुछ नयनों से
प्रेम तुम्हारे नयनों मैं
स्नेह तुम्हारे शब्दों मैं
अश्रु मेरी आँखों मैं
कुछ इस तरह
प्रेम वर्षा
परिभाषित हुयी
याद होगी तुम्हें
वो बरसात !!!!
एक प्रेमगीत
मेरे जीवन सुर पर
लहराया था
बहा था
झर झर निर्झर
इन नयनों से
बिना रुके
तुम्हारे समक्ष
एक बरसात के बाद
इन आँखों मैं
ना दामिनी थी
न थी गर्जना
थी तो केवल वेदना
व्याकुल ह्रदय की चेतना
आतुर थी जो
बह जाने को
कुछ अधरों से
कुछ नयनों से
प्रेम तुम्हारे नयनों मैं
स्नेह तुम्हारे शब्दों मैं
अश्रु मेरी आँखों मैं
कुछ इस तरह
प्रेम वर्षा
परिभाषित हुयी
याद होगी तुम्हें
वो बरसात !!!!