Ria Sharma
Passion for reading, writing and traveling .
Wednesday, April 8, 2009
फिसलता वक्त
फुर्सत माँगी
कुछ पल की
ज़िन्दगी से आज
कहा .......
कुछ अपने आप से
मुलाकात करेंगे
बहुत दिन हुए
देखते रहे
औरों को
कुछ पल ही सही
खुद के लिए जियेंगे
हँस दी थी वो
अट्हास कर
अब जागे
जब वक्त ही नहीं
मेरे पास
देने को
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