Sunday, January 25, 2015

जनसत्ता 2014 के वार्षिक अंक में प्रकाशित मेरी कहानी 'रहमत चूड़ीवाला'



रहमत के पास चूड़ियाँ पहनाने का हुनर कमाल का था। हाथों की कौन सी हड्डी और कौन से जोड़ पर कितना दबाव डालना है, उसे खूब आता था। मुलायम,-खुरदुरे, बड़े - छोटे, मोटे- पतले हर हाथ पर ऐसी नफासत से चूड़ियाँ फिट बैठा देता कि देखने वाले दंग रह जाते थे। हैरान होते थे कि इतनी छोटी माप की चूड़ियां आखिर उसने उनके हाथों में चढ़ाई किस तरह? उन्हें चढ़ाते वक्त मजाल उससे एक भी चूड़ी मैोल जाए। किसी का हड्डियों वाला सख्त हाथ देखता था तो दबता और जांच करता हुआ मश्वरा दे डालता था। ........
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