ज़िंदगी में सभी के पास अपने -अपने काम हैं। अब मोदी जी यदि अपने काम करते हुए आगे बढ़ते जा रहे हैं तो निराला क्या कर रहे हैं? अपने कॉंगी भाई लोग भी उनकी हर हरकत पर नज़र रखते हैं। ऐसी वैसी नज़र नहीं कमाल की नज़र। मोदी ने क्या अच्छा किया वो तो सभी देख रहे हैं लेकिन उन्होंने कहाँ पर क्या गड़बड़ की है? क्या गलत किया है? क्या गलत बोला है? उनके वादे कितने झूठे हैं? इन सब का बारीकी से विश्लेषण करने के लिए खूब वक्त और कमाल की नज़र चाहिए। जो संयोग से कुछ लोगों के पास है। क्या समझ के रखा है मोदी जी ने ? माना की आजकल कोंगिस के पास ज्यादा काम नहीं है तो क्या हुआ। दूसरों के काम में मीनमेख निकलना और उनको किसी भी रूप में वक्त देना, दोनों महान काम की श्रेणी में ही आते हैं।
न जाने क्या सोच कर कहा होगा कबीर दास ने -
"बुरा जो देखें मैं चला, बुरा न मिलिया कोई। जो मन खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोई।"
ये गुजरे ज़माने की बात है। आज बिलकुल भी प्रासंगिक नहीं है। अब हमारे अहम् का कद बड़ा हो गया हैं। अब कमियां अपने में नहीं दूसरों में देखने का समय आ गया है। हमें वक्त के साथ चलना आना चाहिए और उसी के साथ आगे बढ़ते रहना चाहिए।
कोई मुझसे कहता है -'तुम बहुत अच्छी हो' तो मैं कहती हूँ " पूछो मत, अति महान हूँ।" तुम ज़रा अपनी तारीफ में भी तो कसीदे पढ़ो दो, हम भी तुम्हारी अच्छाई को साराह कर कृतार्थ हों लें ? कभी -कभी मैं दूसरों को समझने की कोशिशों में लग जाती हूँ तब अपने आप को नहीं पहचान पाती और फिर अनर्गल प्रलाप करती हूँ। ठीक वैसे ही जैसे कुछ लोग मोदी का साथ देते हैं, वे ठीक मानसिक अवस्था में रहते हैं और इस वजह से कुछेक देश हित के काम हो जाते हैं। जो सारे काम छोड़कर केवल उनको पहचानने की कोशिशों में लगे रहते हैं वे अपना मानसिक संतुलन खोकर मेरी ही तरह अनर्गल प्रलाप करते रहते हैं।
होता है ……कभी - कभी..........यही जीवन है।
मैं मोदी जी के गज़ब के आत्मविश्वास और उनके तौर तरीकों को बेहद पसंद करती हूँ।
कोई मुझे नहीं बताएगा.....मैं कौन हूँ और किस पार्टी की हूँ..........बात ख़तम........