Wednesday, November 16, 2011

खुद को खुद ही में खो जाने दो


जब जीवन विचलित कर देने वाले पलों से गुज़रे तब
जंगलों में दूर तक चलते चले जाना 
वहाँ आनंदित होते हुवे भटक जाना या फिर खो जाना 
भटक जाने में सम्भावना है पलट कर वापस पाने की 
किसी के द्वारा खोज लिए जाने की
कशमकश में जीने से 
खो जाना बेहतर है 
अति आनंद में डूबकर 
कहीं भी कभी भी अपने आप में 
सबके बीच रहते हुवे भी बहुत दूर होना 
कल्पना की उड़ान लिए सागर पहाड़ आकाश में 
जहाँ रंगीन कर सकें जीवन के मटमैले सपनो को 
अपने आप को उस संसार में चले जाने दो 
खुद को पाने की चाह में खुद को खुद ही में खो जाने दो

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