बेहद खूबसूरत लुसर्न मध्य स्विट्ज़रलैंड में स्थित है। जिसके पूर्व की ओर ऑस्ट्रिया, पश्चिम की ओर फ्रांस, उत्तर की ओर जर्मनी और दक्षिण की ओर इटली है। यहीं लुसर्न में लगभग ११४ किमी लम्बी और २१४ मीटर गहरी झील है....लुसर्न झील।
इसके ऊपर क्रूस में एक घंटे का सांस्कृतिक कार्यक्रम होता है। जहाज धीरे -धीरे झील का चक्कर लगाता है और उसके भीतर लोग सांस्कृतिक संध्या का आनंद ले रहे होते हैं। खाने पीने का दौर साथ-साथ चलता रहता है। असीम मुग्ध कर देने वाला कार्यक्रम। 'फोकलोर' कहलाने वाला ये प्रोग्राम वहाँ की संस्कृति व सभ्यता को दर्शाता है।
इसके बाद वहीं की पारंपरिक आकर्षक वेशभूषा में सजे हुए कलाकार कई रंगारंग कार्यक्रम पेश करतें हैं और अपनी संस्कृति और कला के बारे में बतलाते रहते हैं जैसे -
१- एक बड़े से बर्तन में ५ के सिक्के को घुमाकर अद्भुत संगीत का स्वर देना।
२- मुह से मस्ती में ऊँचा और मधुर स्वर निकलना, जिसे यूडलिंग कहते हैं... जैसे हमारे किशोर दा ने भी किया है अपने कुछ गीतों में।
३- एल्प होर्न नमक लम्बे से तुरही नुमा बाजे को बजाना, और उसकी मजेदार आवाज पर हँसना खिलखिलाना जिसे मस्ती में फिर सभी ने बजाने का प्रयास किया।
अंत में उन्होंने अपने डांस स्टेप सिखाये और सभी ने खूब नृत्य किया। मस्ती, हंसी, आनंद, प्रेम छलकती वो संध्या अपने आप में एक निराली संध्या थी। अपनी कला को जिंदा रखती उनकी ये कोशिश दिल को छू जाती है।