Monday, January 7, 2019

विश्व पुस्तक मेला, 5 - 13 जनवरी 2019

विश्व पुस्तक मेले (5 - 13 जनवरी 2019) में इस बार तीन कहानी संग्रहों के बाद मेरा पहला उपन्यास 'पहाड़ की सिमटती शाम' आ रहा है। इसमें गाथा है, सम्मोहित करते, धैर्य पूर्वक खड़े प्रतीक्षारत उस पहाड़ की जो नैसर्गिक सौंदर्य से दमकता है, समय से पहले खोता बचपन, संघर्षरत जीवन, दुःख- सुख, मिलन, बिछोह, दोस्ती, मोह, छल, प्रेम की शिद्दत एवं पलायन के दर्द से टीसते पहाड़ की। ज़िक्र है सिमटती हुई उस रूमानी शाम का जो...इसी उपन्यास से। विशेष सज -धज के साथ 'पहाड़ की सिमटती शाम' को प्रकाशित किया है लोकप्रिय 'भावना प्रकाशन' ने। उपन्यास को भूमिका में समेटा है पहाड़ों को शिद्दत से जीने वाले, महादेवी सृजन पीठ (कुमाऊँ विश्वविद्यालय) के निदेशक - प्रोफ़ेसर देव सिंह पोखरिया जी ने। 

भावना प्रकाशन
दिल्ली 
8851318284 
  

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...