Friday, December 27, 2013

Mesmerizing Jaisalmer - Rajasthan Part -2





  जैसलमेर का किला ( सोनार /  त्रिकुट किला ) http://en.wikipedia.org/wiki/Jaisalmer_Fort सूरज की किरणों से चमकते सोने सा दिपदिपाता किला। 




इसके भीतर रंगबिरंगे बाज़ार की रौनक देखते ही बनती है। 

 ये हैं दीपूजी मिरासिया। मुझे ये सोनार किले के बाहर बैठे हुए मिले। बेहद विनम्र और अत्यंत मधुर आवाज़ के धनी। इनके पिता का वाद्य अब ये बजाते हैं। इनका कहना है कि दिल्ली वाले बहुत शौकीन मिज़ाज़ के होते हैं। संगीत के प्रेमी। 


 पटवा हवेली की शान 


कुलधरा के पालीवाल लोगों के गाँव के खंडहर जो इन्होने एक रात में ( ८४ गाँव ) खाली किए थे। http://en.wikipedia.org/wiki/Paliwal



सम गाँव , जैसलमेर से ४२ किमी की दूरी पर बसी अद्भुत जगह। दो दिन वहाँ रहने पर भी मन नहीं भरा। अज़ब शांति,सुकून और सौंदर्य से भरपूर।  


                            
 सुन्दर सूर्योदय और सूर्यास्त के गुलमोहरी रंग से सजी धरती। सूरज को पकड़ने की नाकाम सी कोशिश। 

सूरज के अस्ताचल में जाने के साथ ही सब घर चले गए। बोस्को और मुझे नहीं जाना था। 


 सम गाँव के इन टेंट हाउस में शाम ढलने के साथ ही कालबेलिया नृत्य और संगीत से सजी दुनिया का घंटों आनंद लिया जा सकता है। 

यहाँ पर सुविधाओं के सारे साधन हैं। लज़ीज़ खाना खा कर सब सो गए। यादों को संजोते हम रह गए।



Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...