Tuesday, December 26, 2017

मॉरीशस में एक शाम और 'हिन्दी गौरव सम्मान'

अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं,
रुख हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं।   
( निदा फ़ाज़ली  )

यूँ तो दिल में हहराती संवेदनाओं को कलमबद्ध करना, देश -दुनिया में विचरना, समाज देखना, उनके सुख -दुःख , खुशिया -दर्द, व्यथाये, प्रेम, रुमानियत आदि से संवेदित होते हुए उन्हें संजोना बेहद सुखद क्षण होते हैं। 

जहाँ घर, बाहर, दफ्तर, समाज, मित्र, रिश्ते - नाते  आदि के साथ सामंजस्य बनाते हुए लिखना कई बार मुश्किलों से भर देता है। वहीं एक छोटी सी हौसलाअफ़ज़ाई की शाम चेहरे पर सहर सी मुस्कान सजा देती है। 


 कहानी संग्रह - धुंध भरे रास्ते' का लोकार्पण -  नवंबर 2017  आधारशिला प्रकाशन )


 ' हिन्दी गौरव सम्मान'  मिलने पर ख़ुशी का एक पल। ( मॉरीशस के प्रधानमन्त्री महामहिम प्रवीण जगन्नाथ, उच्चायुक्त माननीय अभय ठाकुर व् अन्य गणमान्य। )